कन्वर्ज़न
डिजिटल मार्केटिंग में कन्वर्ज़न क्या है?
डिजिटल मार्केटिंग में कन्वर्ज़न का मतलब है किसी यूजर द्वारा आपकी वेबसाइट, ऐप या डिजिटल मार्केटिंग कैंपेन के तहत कोई मनचाहा और उद्देश्यपूर्ण काम करना - यानी वह काम जो आपने अपने बिज़नेस गोल के रूप में निर्धारित किया है। सीधे शब्दों में कहें तो कन्वर्ज़न तब होता है, जब आपका संभावित ग्राहक वही करता है जिसकी आपने उससे उम्मीद की थी: जैसे कोई प्रोडक्ट खरीदना, न्यूज़लेटर के लिए सब्सक्राइब करना, फीडबैक फॉर्म भरना आदि। उदाहरण के लिए, यदि आपका गोल है कि लोग आपकी ई-बुक खरीदें, तो जब कोई व्यक्ति आपकी वेबसाइट पर जाकर वह ई-बुक खरीदता है, वह एक कन्वर्ज़न कहलाता है। इसी तरह, कंपनी को कॉल करना, प्राइस कैलकुलेटर फॉर्म भरना, या प्रोडक्ट को "फेवरेट्स" में सेव करना भी कन्वर्ज़न हो सकता है - बशर्ते कि वह एक बिज़नेस गोल को पूरा करता हो। कई बार "कन्वर्ज़न मैट्रिक्स" से तात्पर्य उस अनुपात से भी होता है, जिसमें यह मापा जाता है कि किसी साईट, पेज इत्यादि के कितने विज़िटर्स में से कितनों ने वह कार्य किया।
कन्वर्ज़न मार्केटिंग क्यों जरूरी है? क्योंकि जितना अधिक कन्वर्ज़न रेट, उतनी ही प्रभावी आपकी वेबसाइट और आपका मार्केटिंग कैंपेन होगा। आसान शब्दों में कहें तो, यदि आप मार्केटिंग पर ढेर सारा पैसा खर्च कर रहे हैं और कन्वर्ज़न लगभग शून्य है, तो यह संकेत है कि आपकी रणनीति सही नहीं है - शायद आपने गलत ऑडियंस को टारगेट किया है या कहीं और गलती की है। अच्छे कन्वर्ज़न रेट से आपको निम्नलिखित फायदे होते हैं:
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प्रॉफिट में वृद्धि: ज्यादा कन्वर्ज़न मतलब ज्यादा सेल्स। इसका मतलब है कि आप सिर्फ ट्रैफिक नहीं ला रहे, बल्कि लोगों को काम करने के लिए प्रेरित भी कर पा रहे हैं।
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ख़र्चों में कटौती: जब आप कम खर्चे में ज्यादा कन्वर्ज़न करना सीख जाते हैं, तो आप महंगे ऐड्स की बजाय प्रभावी चैनल्स पर फोकस कर सकते हैं।
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ROI में सुधार: उच्च कन्वर्ज़न यह दर्शाता है कि आपके मार्केटिंग इन्वेस्टमेंट से अच्छा रिटर्न मिल रहा है, जिससे आपका बिज़नेस और ज़्यादा निवेश योग्य बनता है।
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बिज़नेस का विस्तार। कन्वर्ज़न नए ग्राहकों को खोजने और ऑडियंस को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे विकास की संभावनाएँ बढ़ती हैं। इसलिए, उच्च कन्वर्ज़न रेट के साथ नए बाज़ारों को जीतना आपके लिए आसान हो जाता है।
बिना कन्वर्ज़न ऑप्टिमाइज़ेशन के कोई भी बिज़नेस ज़्यादा समय तक टिक नहीं पाता, इसलिए उच्च कन्वर्ज़न को लाभप्रदता का पर्याय माना जा सकता है।
कन्वर्ज़न के प्रकार

कन्वर्ज़न की दुनिया में दो मुख्य प्रकार होते हैं: मैक्रोकन्वर्ज़न और माइक्रोकन्वर्ज़न, जो आगे चलकर अन्य उपप्रकारों (या ज़्यादा सटीक रूप में कहें तो तरीकों और रणनीतियों) में विभाजित होते हैं।
मैक्रोकन्वर्ज़न - यह आपके बिज़नेस के प्रमुख लक्ष्य होते हैं - वे एक्शन जो आपके लिए प्रॉफिट लेकर आते हैं और आपके सभी प्रयासों का अंतिम नतीजा होता हैं। यह उस विज़िटर के लिए "बड़ा फिनाले" होता है, जो किसी विशेष उद्देश्य से आपकी वेबसाइट पर आया है। मैक्रोकन्वर्ज़न के उदाहरण निम्नलिखित है:
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प्रोडक्ट या सर्विस की खरीद: यह सबसे सामान्य और स्पष्ट उदाहरण है। इसमें ई-कॉमर्स वेबसाइट पर फिजिकल प्रोडक्ट खरीदना, किसी ऑनलाइन सर्विस के लिए भुगतान करना या किसी प्रोग्राम का टिकट खरीदना शामिल हो सकता है।
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पेड प्लान पर सब्सक्रिप्शन लेना: यह विशेष रूप से SaaS कंपनियों के लिए लागू होता है। जब कोई यूजर फ्री ट्रायल से पेड प्लान पर जाता है, तो यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि आपका प्रोडक्ट उसके लिए कीमती होता है।
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कॉमर्शियल ऑफर प्राप्त करने के लिए आवेदन फॉर्म भरना: यह उन B2B कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण होता है जो जटिल प्रोडक्ट या सर्विस प्रदान करती हैं, जिनमें व्यक्तिगत दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। आवेदन का सफलतापूर्वक भरा जाना एक बड़ी डील की दिशा में पहला कदम होता है।
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किसी इवेंट के लिए रजिस्ट्रेशन करना: यदि आपका लक्ष्य वेबिनार, कॉन्फ्रेंस या मास्टरक्लास के लिए लोगों को आकर्षित करना है, तो सफल रजिस्ट्रेशन एक मैक्रोकन्वर्ज़न माना जाएगा।
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कॉलबैक ऑर्डर करना: यह संभावित ग्राहक से तुरंत संपर्क स्थापित करने और उनके सवालों के जवाब देने में मदद करता है।
माइक्रोकन्वर्ज़न वे छोटे-छोटे कदम होते हैं जो विज़िटर को मैक्रोकन्वर्ज़न के करीब लाते हैं - यानी इन्हें एक प्रकार की मध्यवर्ती क्रियाएं माना जा सकता है। ये सीधे तौर पर आपको मुनाफ़ा नहीं देते, लेकिन ये दिखाते हैं कि विज़िटर आपकी पेशकश में कितनी रुचि रखता है, और यह समझने में मदद करते हैं कि वेबसाइट पर क्या सुधारने की ज़रूरत है। माइक्रोकन्वर्ज़न को आप उस रास्ते पर बिछें "रोटी के टुकड़े" की तरह समझ सकते हैं, जो आख़िरकार विज़िटर को वहीं ले जाते हैं जहाँ आप उसे पहुँचाना चाहते हैं।
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किसी प्रोडक्ट को कार्ट में जोड़ना: यह दर्शाता है कि विज़िटर खरीदने में रुचि रखता है और अगला कदम उठाने के लिए तैयार है, लेकिन हो सकता है कि उसे कुछ आपत्तियों का समाधान देने या समय-समय पर याद दिलाने की ज़रूरत हो।
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किसी विशेष पेज को देखना (जैसे कि प्राइसिंग पेज): यह दिखाता है कि विज़िटर आपके ऑफर को गहराई से समझने और उसकी कीमत का मूल्यांकन करने की कोशिश कर रहा है। इसका मतलब है कि आपको अपने ऑफर की उपयोगिता को उजागर करना चाहिए या किसी विशेष छूट की पेशकश करनी चाहिए।
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वीडियो देखना: यदि आप अपने प्रोडक्ट या सर्विस के प्रचार के लिए वीडियो का उपयोग करते हैं, तो वीडियो देखना एक माइक्रोकन्वर्ज़न माना जा सकता है। शायद और ज़्यादा वीडियो उपयोगी साबित हो सकती हैं!
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किसी फ़ाइल को डाउनलोड करना (जैसे कि PDF गाइड): यह दिखाता है, कि विज़िटर आपके ऑफर के बारे में ज़्यादा विस्तृत जानकारी चाहता है। यह एक शानदार अवसर हो सकता है कि आप बाद में विज़िटर से संपर्क करें और पूछें कि क्या उसने आपकी गाइड का उपयोग किया और क्या वह प्रोडक्ट खरीदने के बारे में सोच रहा है।
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फ्री वेबिनार के लिए रजिस्ट्रेशन करना: यह यूजर को कन्वर्ज़न फ़नल और सेल्स की प्रक्रिया में शामिल करने की दिशा में एक कदम है। वेबिनार के दौरान, आपका स्पीकर विज़िटर को पूरी तरह से प्रभावित कर सकता है और उन्हें ग्राहक में बदल सकता है।
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सपोर्ट चैट में मैसेज भेजना: यह दिखाता है कि विज़िटर सहायता चाहता है और संभवतः उसे अतिरिक्त परामर्श की आवश्यकता है। यदि आप समय पर और गुणवत्तापूर्ण सहायता प्रदान करते हैं, तो विज़िटर के ग्राहक बनने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
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वेबसाइट पर एक निश्चित समय तक रुकना: अगर विज़िटर आपकी साइट पर पर्याप्त समय बिताता है, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि उसे आपका कंटेंट पसंद आया है। क्या आपने रिटार्गेटिंग पर विचार किया है?
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साइट के एलिमेंट्स के साथ इंटरैक्शन करना (जैसे कि बटन पर क्लिक करना या फॉर्म भरना): इससे यह समझने में मदद मिलती है कि साइट के कौन से एलिमेंट विज़िटर का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। भविष्य में आप इन्हीं पर ज़्यादा ध्यान दे सकते हैं, उनका विकास कर सकते हैं या उनसे मिलते-जुलते बैनर/फीचर्स जोड़ सकते हैं।
जैसा कि आप देख सकते हैं, हर माइक्रोकन्वर्ज़न के बाद यह अपेक्षा की जाती है कि आप अगला कदम उठाएँगे और ग्राहक को एक नई माइक्रोकन्वर्ज़न या सीधे मैक्रोकन्वर्ज़न की ओर ले जाएँगे। हालाँकि, अगर बात करें इस सवाल की कि "माइक्रोकन्वर्ज़न बनाम मैक्रोकन्वर्ज़न" की तुलना में कौन सा ज़्यादा महत्वपूर्ण है, तो इसका कोई एक निश्चित उत्तर नहीं है। माइक्रोकन्वर्ज़न की अधिकता कभी-कभी ग्राहक को मैक्रोकन्वर्ज़न तक पहुँचने से रोक सकती है - जैसे किसी घने जंगल में भटक जाना, जहाँ रास्ता ढूँढ़ना मुश्किल हो जाए। लेकिन दूसरी ओर, अगर माइक्रोकन्वर्ज़न बिल्कुल न हों, तो ग्राहक का मैक्रोकन्वर्ज़न तक पहुँचना भी असंभव जैसा हो सकता है।
यहाँ अलग-अलग बिज़नेस क्षेत्रों में कन्वर्ज़न के कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
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ई-कॉमर्स
मैक्रो: प्रोडक्ट की खरीद। उदाहरण: एक कपड़ों की ई-कॉमर्स वेबसाइट ने ऑर्डर प्रोसेस को सरल बनाकर और "वन-क्लिक पेमेंट" की सुविधा जोड़कर अपनी कन्वर्ज़न दर को 15% तक बढ़ा लिया। माइक्रो: प्रोडक्ट को कार्ट में जोड़ना, प्रोडक्ट पेज देखना। उदाहरण: एक कॉस्मेटिक्स ऑनलाइन स्टोर ने हाई-क्वालिटी फ़ोटो और एक सुंदर से डिस्क्रिप्शन को जोड़कर "कार्ट में जोड़ने" की संख्या को 20% तक बढ़ा लिया।
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SaaS (सॉफ्टवेयर एक सर्विस के तोर पर)
मैक्रो: पेड सब्सक्रिप्शन लेना। उदाहरण: एक SaaS कंपनी ने ज़्यादा लचीले प्राइसिंग प्लान्स और फ्री कंसल्टेशन की पेशकश करके पेड कन्वर्ज़न रेट को 10% तक बढ़ाया। माइक्रो: फ्री ट्रायल के लिए रजिस्ट्रेशन, प्राइसिंग पेज देखना। उदाहरण: एक SaaS कंपनी ने अपने होमपेज पर प्रभावशाली वीडियो डेमो जोड़कर फ्री ट्रायल रजिस्ट्रेशन में 25% की वृद्धि हासिल की।
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B2B
मैक्रो: कमर्शियल ऑफर के लिए आवेदन फॉर्म भरना। उदाहरण के लिए: एक B2B कंपनी ने आवेदन फॉर्म को छोटा करके और गोपनीयता की गारंटी देकर 8% ज़्यादा फॉर्म सबमिशन प्राप्त किए। माइक्रो: प्रेजेंटेशन डाउनलोड करना, केस स्टडी देखना। उदाहरण के लिए: एक B2B कंपनी ने आकर्षक डिज़ाइन और सारांश जोड़कर प्रेजेंटेशन डाउनलोड की संख्या में 12% की वृद्धि की।
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ब्लॉग
मैक्रो: न्यूज़लेटर के लिए सब्सक्रिप्शन। उदाहरण: एक ब्लॉग ने सब्सक्रिप्शन पॉप-अप जोड़कर अपने सब्सक्राइबर्स की संख्या में 18% की वृद्धि की। माइक्रो: आर्टिकल पर कमेंट करना, सोशल मीडिया में शेयर करना। उदाहरण: ब्लॉग ने सोशल नेटवर्क के जरिए लॉग इन करने की क्षमता के साथ एक कमेंट सिस्टम जोड़कर आर्टिकल्स पर कमेंट्स की संख्या में 10% की वृद्धि की।
कन्वर्शन रेट क्या है और इसकी गणना कैसे करें?

कन्वर्ज़न रेट वह प्रतिशत है जो यह दिखाता है कि आपकी वेबसाइट या मार्केटिंग कैंपेन पर आए विज़िटर में से कितने लोगों ने वह मनचाहा कार्य किया है जो आप उनसे करवाना चाहते थे। यह दर्शाता है कि आप विज़िटर्स को ग्राहक, सब्सक्राइबर या लीड (आपके लक्ष्य के अनुसार) में कितनी प्रभावी रूप से बदल पा रहे हैं। आसान शब्दों में कहें तो कन्वर्ज़न रेट आपके सेल्स फनल की प्रभावशीलता का "लिटमस टेस्ट" है - यह बताता है कि आपका पूरा सिस्टम कितना अच्छा काम कर रहा है।
कन्वर्ज़न रेट की गणना का फ़ॉर्मूला इस प्रकार है:
(कन्वर्ज़न की संख्या / कुल विज़िटर्स की संख्या) * 100% = कन्वर्ज़न रेट
उदाहरण के लिए, यदि आपकी वेबसाइट पर 1000 लोग आए और उनमें से 50 लोगों ने खरीदारी की, तो आपका कन्वर्ज़न रेट (50 / 1000) * 100% = 5% होगा। इसका मतलब है कि हर 100 विज़िटर्स में से 5 लोग आपके ग्राहक बन गए। माइक्रो-कन्वर्ज़न के लिए भी यही फॉर्मूला लागू होता है: अगर 1000 लोग किसी प्रोडक्ट पेज पर गए और उनमें से 200 लोगों ने प्रोडक्ट को कार्ट में डाला, तो "कार्ट में जोड़ना" माइक्रो-कन्वर्ज़न के लिए कन्वर्ज़न रेट (200 / 1000) * 100% = 20% होगा।
कन्वर्ज़न रेट की निगरानी करना अत्यंत महत्वपूर्ण है:
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प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए। यह आपको यह आंकने में मदद करता है कि आपकी वेबसाइट, विज्ञापन और मार्केटिंग प्रयास कितने प्रभावी हैं। आप अलग-अलग वेबपेज, अलग-अलग विज्ञापन अभियानों या अलग-अलग समय अवधियों के कन्वर्ज़न रेट की तुलना करके यह देख सकते हैं कि कौन सी चीज़ अच्छा काम कर रही है और कौन सी नहीं।
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निर्णय लेने के लिए। निगरानी करने से आपको उन क्षेत्रों की पहचान करने में मदद मिलती है जहाँ सुधार की ज़रूरत है, जिससे आप कन्वर्ज़न रेट बढ़ाने के लिए ठोस निर्णय ले सकते हैं। अगर किसी खास पेज का कन्वर्ज़न रेट कम है, तो इसका मतलब हो सकता है कि उस पेज के डिज़ाइन, कंटेंट या यूज़र एक्सपीरियंस में कोई समस्या है।
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निवेश पर रिटर्न (ROI) बढ़ाने के लिए। कन्वर्ज़न रेट में सुधार सीधे आपके मार्केटिंग निवेश की रेंटेबिलिटी को प्रभावित करता है। यदि आप कन्वर्ज़न रेट को कुछ प्रतिशत तक भी सुधार लें, तो आप विज्ञापन पर ज़्यादा ख़र्च किये बिना अपनी आय में अच्छी खासी वृद्धि कर सकते हैं।
कन्वर्ज़न रेट को प्रभावित करने वाले फैक्टर

कन्वर्ज़न रेट पर कई फैक्टर प्रभाव डालते हैं, और इनमें से हर एक आपकी सफलता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। इन फ़ैक्टरो में सुधार करके, आप यह संभावना बढ़ा सकते हैं कि विज़िटर इच्छित कार्रवाई करेगा। विशेष रूप से निम्नलिखित सुधारना चाहिए:
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वेबसाइट डिज़ाइन और यूज़र एक्सपीरियंस (UX)। एक सहज और समझने में आसान डिज़ाइन, आसान नेविगेशन, आकर्षक लुक-ये सभी यूजर के लिए सकारात्मक अनुभव बनाते हैं और कन्वर्ज़न की संभावना बढ़ाते हैं। विज़िटर को आसानी से वह मिलना चाहिए जो वह ढूंढ़ रहा है, और उसे आपकी साइट पर रहना सुखद लगना चाहिए। अगर वेबसाइट पुरानी, असुविधाजनक या उलझन भरी लगे, तो विज़िटर इसे बंद कर देगा और बेहतर विकल्प खोजेगा।
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पेज लोडिंग की स्पीड। आज के समय में साइट का धीमा लोड होना घातक साबित हो सकता है। रिसर्च से पता चलता है कि ज्यादातर यूज़र्स 3 सेकंड से ज्यादा इंतजार नहीं करते। हर अतिरिक्त सेकंड लोडिंग कन्वर्ज़न को कम कर देता है। अपनी साइट की लोडिंग तेज करने के लिए इमेजेज़ ऑप्टिमाइज़ करें, कैशिंग का उपयोग करें और अन्य तकनीकों को अपनाएं।
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कंटेंट की क्वालिटी। आपकी वेबसाइट की जानकारी उपयोगी, ताजा और आपके लक्षित दर्शकों के लिए प्रासंगिक होनी चाहिए। कंटेंट को विज़िटर्स के सवालों का जवाब देना चाहिए, उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए और आपके ऑफ़र की वैल्यू उनको समझ आनी चाहिए। अच्छी क्वालिटी की तस्वीरें और वीडियो इस्तेमाल करें, सही और स्पष्ट भाषा में लिखें और SEO ऑप्टिमाइजेशन का ध्यान रखें।
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कॉल टू एक्शन (CTA)। स्पष्ट, ध्यान खींचने वाले और प्रभावशाली CTA विज़िटर को कन्वर्ट होने के लिए प्रेरित करते हैं। CTA ऐसे होने चाहिए कि क्लिक करने की इच्छा पैदा करें। कंट्रास्ट कलर, चमकीले फ़ॉन्ट और एक्शन वर्ड्स का इस्तेमाल करें ताकि आपके CTA ज्यादा आकर्षक बनें।
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विश्वास के संकेत। कस्टमर रिव्यू, प्रमाणपत्र, पुरस्कार, प्रसिद्ध कंपनियों के लोगो-ये सभी आपके ब्रांड के प्रति भरोसे को बढ़ाते हैं और विज़िटर्स को आपकी विश्वसनीयता का एहसास कराते हैं। लोग उन चीज़ों पर ज्यादा भरोसा करते हैं जिनकी दूसरे लोगों के द्वारा सिफ़ारिश की गई हो। अपनी साइट पर रिव्यूज़ को अच्छी जगह दिखाएं ताकि विज़िटर्स आपके प्रोडक्ट या सर्विस की क्वालिटी देख सकें।
कन्वर्ज़न रेट कैसे बढ़ाएं

कन्वर्ज़न रेट कैसे बढ़ाएं? ज़्यादा से ज़्यादा विज़िटर्स को ग्राहक में बदलने के लिए आपको कन्वर्ज़न रेट ऑप्टिमाइजेशन (CRO) पर लगातार काम करना होगा। यहाँ कुछ प्रभावी रणनीतियाँ और टूल्स दिए गए हैं जो आपकी मदद करेंगे:
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A/B टेस्टिंग। यह एक तरीका है जिसमें दो अलग-अलग वर्ज़न की तुलना की जाती है, जैसे पेज, एलिमेंट या प्रोसेस, ताकि यह पता चले कि कौन सा बेहतर काम करता है। उदाहरण के लिए, आप अलग-अलग हेडलाइन, कॉल टू एक्शन, बटन के रंग, एलिमेंट की पोजीशन आदि टेस्ट कर सकते हैं। दो वर्ज़न बनाएं (A और B) और ट्रैफिक को बराबर बांट दें। कुछ समय बाद आप देख पाएंगे कि कौन सा वर्ज़न ज्यादा कन्वर्ज़न लाता है। A/B टेस्टिंग डेटा पर आधारित निर्णय लेने में मदद करता है और लगातार आपके परिणाम बेहतर करता है।
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पर्सनलाइज़ेशन। इसका मतलब है कंटेंट, ऑफ़र और यूज़र एक्सपीरियंस को खास तौर पर हर विज़िटर के लिए अनुकूल बनाना। इसमें अलग-अलग प्रोडक्ट, रिकमेंडेशन या कंटेंट दिखाना शामिल हो सकता है, जो विज़िटर की रुचि, खरीदारी के इतिहास या लोकेशन पर आधारित हो। कल्पना कीजिए कि आप किसी दुकान में जाएं और सेल्समैन आपको आपकी पिछली खरीदारी के आधार पर वही चीज़ दिखाए जो आपको चाहिए। पर्सनलाइज़ेशन वेबसाइट को हर यूज़र के लिए ज़्यादा प्रासंगिक और आकर्षक बनाता है, जिससे कन्वर्ज़न बढ़ता है।
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मोबाइल डिवाइस के साथ काम में सुधार। आजकल ज्यादातर यूज़र्स मोबाइल के जरिए इंटरनेट का उपयोग करते हैं, इसलिए आपकी वेबसाइट पूरी तरह से मोबाइल फ्रेंडली होनी चाहिए। मोबाइल वर्ज़न आसान, तेज़ और पूरी तरह कार्यक्षम होना चाहिए। सुनिश्चित करें कि आपकी साइट अलग-अलग डिवाइस पर सही ढंग से दिखाई दे, कंट्रोल आसानी से इस्तेमाल किए जा सकें, और पेज लोड होने की स्पीड अच्छी हो।
ऑप्टिमाइजेशन के लिए निम्नलिखित टूल्स का उपयोग करने की कोशिश करें:
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Google Optimize। Google का एक मुफ्त (कुछ लिमिट्स के साथ) टूल है जो A/B टेस्टिंग और पर्सनलाइज़ेशन के लिए उपयोग किया जाता है। यह Google Analytics के साथ आसानी से इंटीग्रेट हो जाता है और इसके लिए प्रोग्रामिंग ज्ञान की जरूरत नहीं होती।
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Hotjar। यह टूल यूज़र्स के सेशन्स रिकॉर्ड करने, हीटमैप्स और सर्वे करने के लिए है, जिससे आप समझ सकते हैं कि विज़िटर आपकी वेबसाइट के साथ कैसे इंटरैक्ट करते हैं। आप देख पाएंगे कि यूज़र कहाँ-कहाँ क्लिक कर रहे हैं, पेज को कैसे स्क्रॉल कर रहे हैं और कहाँ रुक रहे हैं।
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Optimizely। यह एक पेड प्लेटफ़ॉर्म है जो A/B टेस्टिंग, पर्सनलाइज़ेशन और एनालिसिस के लिए इस्तेमाल होता है। यह Google Optimize से ज़्यादा एडवांस्ड फीचर्स प्रदान करता है और बड़े ट्रैफिक वाली कंपनियों के लिए ज़्यादा सही है।
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Crazy Egg। यह टूल हीटमैप्स बनाने और यूज़र बिहेवियर का विश्लेषण करने में मदद करता है। इससे आप जान सकते हैं कि वेबसाइट के कौन से एलिमेंट सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित करते हैं और कौन से नजरअंदाज हो जाते हैं।
कन्वर्ज़न को नुकसान पहुंचाने वाली आम गलतियाँ
सबसे सुंदर और फंक्शनल वेबसाइट भी परेशान करने वाली गलतियों की वजह से ग्राहक खो सकती है। नीचे दी गई चीज़ों से बचने पर ख़ास ध्यान देना चाहिए:
लंबे फॉर्म। बहुत लंबे और जटिल फॉर्म विज़िटर्स को दूर कर देते हैं। केवल वही जानकारी मांगें जो वास्तव में ज़रूरी हो। फील्ड्स की संख्या कम करें, ऑटोफिल का उपयोग करें और सोशल मीडिया लॉगिन की सुविधा दें।
मोबाइल डिवाइस के साथ काम की खराब क्वालिटी। मोबाइल डिवाइस के लिए अनुकूलित न होने वाली साइट, संभावित ग्राहकों का बड़ा हिस्सा खोने का सीधा रास्ता है। सुनिश्चित करें कि आपकी वेबसाइट का डिज़ाइन रिस्पॉन्सिव हो, अलग-अलग उपकरणों पर सही दिखे और जल्दी लोड हो।
कमज़ोर कॉल टू एक्शन (CTA)। अस्पष्ट, कम ध्यान खींचने वाले या प्रभावहीन CTA विज़िटर्स को ग्राहक में बदलने के लिए प्रोत्साहित नहीं करते। जैसा कि पहले बताया गया है, चमकीले रंग, आकर्षक फोंट और प्रभावशाली शब्दों का इस्तेमाल करें। साथ ही CTA जितना छोटा और स्पष्ट होगा, उतना बेहतर। "अपना ईमेल दर्ज करें और 15% की छूट पाएं" स्पष्ट है, एक ज़ोरदार प्रॉफिट के साथ, संक्षेप में। शानदार।
विश्वास के संकेतों का अभाव। यदि आपकी साइट पर रिव्यू, सर्टिफिकेट या अन्य विश्वास बढ़ाने वाले संकेत नहीं हैं, तो विज़िटर आपकी विश्वसनीयता पर शक कर सकते हैं और प्रतियोगियों को चुन सकते हैं। रिव्यूज़ को प्रमुख स्थान पर रखें, परिचित कंपनियों के लोगो लगाएं जिनके साथ आप जुड़े हैं, और सेफ्टी बैज का उपयोग करें। इसके अलावा, अपने ग्राहकों को ऐसे प्लेटफॉर्म पर भी ले जाएं जहाँ वे आपकी कंपनी की प्रतिष्ठा जांच सकें। निस्संदेह, ये सभी बातें आपकी सफलता पर असर डालती हैं।
निष्कर्ष
कन्वर्ज़न का मतलब है मार्केटिंग। कन्वर्ज़न किसी भी सफल ऑनलाइन बिज़नेस का एक मुख्य एलिमेंट होता है। इस बात की जानकारी, कि कन्वर्ज़न रेट क्या होता है, यह कैसे काम करता है, इसे कैसे मापा जाता है और इसे कैसे ऑप्टिमाइज़ किया जाता है, आपको अपनी कमाई बढ़ाने, खर्चे कम करने और बिज़नेस को विस्तार देने में काफी मदद करेगी। कन्वर्ज़न ऑप्टिमाइज़ेशन पर ध्यान केंद्रित करें ताकि ज़्यादा विज़िटर्स को ग्राहकों में बदला जा सके, और आप डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया में सफलता जरूर पाएंगे। ध्यान रखें कि कन्वर्ज़न ऑप्टिमाइज़ेशन एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसमें लगातार विश्लेषण, परीक्षण और सुधार की आवश्यकता होती है। मार्केटिंग में कन्वर्ज़न का महत्व बहुत बड़ा है, क्योंकि इंटरनेट के इस डिजिटल युग में यूजर को CTA करने के लिए प्रेरित करना ही सब कुछ तय करता है। कभी भी अपने उपलब्ध नतीजों पर संतोष न करें और हमेशा नए तरीके खोजते रहें जिससे आप विज़िटर्स को ग्राहकों में बदल सकें!
