डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन क्या है
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन मानव और व्यावसायिक जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में उनकी दक्षता में सुधार लाने, अनुकूलन करने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करने की प्रक्रिया है। इस प्रकार डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में कंपनी की सभी व्यावसायिक प्रक्रियाओं में गहरा बदलाव और मेनेजमेंट के पुराने तरीकों को आधुनिक विकल्पों से पूरी तरह से बदलना शामिल है। उदाहरण के लिए यह AI सिस्टम का उपयोग, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और रोबोटिक्स को लागु करना हो सकता है। इसके अलावा डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में मशीन लर्निंग, वर्चुअल और अल्टरनेटिव रियलिटी, क्लाउड कंप्यूटिंग, प्रोसेस एनालिटिक्स और कई अन्य टेक्नोलॉजी शामिल हो सकती हैं।
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन से जुड़ी दो अन्य महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं भी मौजूद हैं, जिन्हें कई लोग गलती से इसका पर्यायवाची मान लेते हैं। ये कुछ इस प्रकार हैं:
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डिजिटाइजेशन। यह एनालॉग डेटा को डिजिटल रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया है, उदाहरण के लिए, डाक्यूमेंट्स को स्कैन करना और उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर करना।
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डिजिटलीकरण। इसमें केवल कुछ व्यावसायिक प्रक्रियाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है, उदाहरण के लिए CRM-सिस्टम इंस्टॉल करना - यह एक विशेष प्रोग्राम है, जिसका इस्तेमाल ग्राहकों के साथ बातचीत को स्वचालित और नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
दूसरे शब्दों में डिजिटाइजेशन और डिजिटलीकरण की प्रक्रियाओं की तुलना में, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन न केवल व्यावसायिक प्रक्रियाओं और कार्य मॉडल में, बल्कि आधुनिक डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग करके संपूर्ण संगठनात्मक संस्कृति, आंतरिक संचार और संरचनात्मक प्रणाली में भी एक ज्यादा जटिल बदलाव है। इस प्रकार, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन किसी एक प्रक्रिया या परियोजना से आगे बढ़कर संपूर्ण संगठन को प्रभावित करता है।
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन क्यों महत्तवपूर्ण है
आज, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पूरी ऑर्गनिज़शन में परिचालन दक्षता को हासिल करने और नवाचार लाने का एक मूल तत्व और सबसे महत्तवपूर्ण शर्त है। यह कंपनी के तेज़ी से विकास करने, उसकी गतिविधियों की दक्षता बढ़ाने और उभरती समस्याओं को तेज़ी से हल करने में मदद करता है।
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन द्वारा हल किए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल हैं:
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व्यावसायिक प्रक्रियाओं का अनुकूलन। कई कंपनियाँ अभी भी अपने बिज़नेस को मैनेज करने के लिए पुरानी तकनीकों का इस्तेमाल कर रही हैं। वहीं दूसरी तरफ, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, ज्यादातर नियमित प्रक्रियाओं को स्वचालित और तेज करना, विशेषज्ञों को आंशिक रूप से बदलना, गलतियों की संख्या को कम करना और पेश किए गए प्रोडक्टों और सर्विस की क्वालिटी में सुधार करना संभव बनाता है।
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कार्यक्षमता में वृद्धि। आधुनिक टेक्नोलॉजी डेटा प्रोसेसिंग और कम्युनिकेशन जैसे अलग-अलग कार्यों के प्रदर्शन और उत्पादन की लागत को कम करती हैं, और संसाधनों का ज्यादा कुशल तरीके से इस्तेमाल करने की सुविधा भी प्रदान करती हैं।
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विकास के नये अवसर पैदा करना। डिजिटल टेक्नोलॉजी कंपनियों को उत्पादों और सेवाओं की पहुंच को बढ़ाने के साथ-साथ, प्रोडक्ट रेंज को विस्तृत करने में भी मदद करती हैं। इसके अलावा, नवाचारों को लागू करने से आपको मार्केट के नए क्षेत्रों पर कब्जा करने और अपने ग्राहकों का विस्तार करने में भी मदद मिलेंगी।
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ग्राहकों के साथ बातचीत में सुधार। ट्रांसफॉर्मेशन से कंपनियों को ग्राहकों की ज़रूरतों और प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने, तेज़ और ज्यादा सुविधाजनक सेवा प्रदान करने के साथ-साथ दर्शकों के साथ बातचीत के नए चैनल बनाने में भी मदद मिलेगी।
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प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखना। जो कंपनियाँ डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को सफलतापूर्वक लागू करती हैं और सक्रिय रूप से नवाचार को अपनाती हैं, उन कंपनियों के मार्केट में प्रतिस्पर्धी बने रहने की संभावना ज्यादा होती है क्योंकि नई टेक्नोलॉजी उत्पादकता बढ़ाती हैं, उत्पाद और सेवा की गुणवत्ता में सुधार करती हैं और कंपनी को बदलती परिस्थितियों के लिए ज्यादा अनुकूल बनाती हैं।
इसके अलावा, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन ज्यादा सटीक, निरपेक्ष और विस्तृत विश्लेषणात्मक जानकारी और साथ ही बेहतर डेटा सुरक्षा प्रदान करता है। इस प्रकार, समय पर लागू किये जाने वाले परिवर्तन कंपनी को न केवल सक्रिय रूप से विकसित होने और समय के साथ चलने में मदद करते हैं, बल्कि प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने और मार्केट में होने वाले किसी भी बदलाव का तुरंत जवाब देने में भी मदद करते हैं। इसलिए, डिजिटल टेक्नोलॉजी में माहिर होना धीरे-धीरे बिज़नेस की सक्रिय वृद्धि और विकास की चाभी बनता जा रहा है।
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को लागू करने के क्षेत्र
विस्तृत योजना या रणनीति के बिना किसी संगठन में बड़े पैमाने पर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन लगभग असंभव है। लेकिन सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि बिज़नेस के किन क्षेत्रों में डिजिटल टेक्नोलॉजी को सबसे पहले लागू करना चाहिये। ऐसे तीन मुख्य क्षेत्र हैं, जहां नवाचारों का उपयोग किया जा सकता है:
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व्यावसायिक प्रक्रिया का ट्रांसफॉर्मेशन
इस प्रक्रिया में पहले गहरे परिवर्तन और बाद में उनका अनुकूलन शामिल है, जिसको लंबी अवधि के लिए डिज़ाइन किया जाता है। दूसरे शब्दों में, व्यावसायिक प्रक्रियाओं के ट्रांसफॉर्मेशन में प्रमुख कार्य प्रक्रियाओं का परिवर्तन शामिल है, अर्थात्, निर्धारित लक्ष्यों, बदलते हुए मार्केट की विशेषताओं और संभावित ग्राहकों की ज़रूरतें के आधार पर काम का आयोजन, उत्पादों के विकास और निर्माण के तरीके, कस्टूमर सपोर्ट इत्यादि। इस मामले में, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पूरे बिज़नेस ट्रांसफॉर्मेशन का ही एक हिस्सा है, जिसका लक्ष्य सभी कार्य प्रक्रियाओं की कार्यक्षमता को पुनर्गठित और बेहतर करने के लिए एक नई तकनीकी और लचीली संरचना का निर्माण करना है।
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बिज़नेस-मॉडल का ट्रांसफॉर्मेशन
व्यवसायिक मॉडल उन विशिष्ट कार्यों का वर्णन नहीं करता है जिन्हें कंपनी के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किए जाने की आवश्यकता है, अर्थात, यह व्यवसाय का गहन अध्ययन और उसके बाद का पुनर्गठन नहीं है, बल्कि एक संक्षिप्त विश्लेषण है जो यह समझने में मदद करता है, कि कैसे कंपनी का विकास किया जाए और बिज़नेस के विकास के लिए कौन-कौन से संसाधनों की आवश्यकता है। डिजिटल टेक्नोलॉजी की प्रासंगिकता और आवश्यकता को देखते हुए बिज़नेस मॉडल में न केवल नवाचार को शामिल किया जाना चाहिए, बल्कि उसपर जोर भी दिया जाना चाहिए। दूसरे शब्दों में, क्लासिक या पारंपरिक बिजनेस मॉडल को एक नए इनोवेटिव फॉर्म द्वारा बदला जा रहा है।
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कॉर्पोरेट कल्चर का ट्रांसफॉर्मेशन
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अर्थात् कार्य प्रक्रियाओं और बिज़नेस मॉडल में परिवर्तन, यह तभी सफल और प्रभावी होगा, जब यह कंपनी के कल्चर और उसके आदर्शों के अनुरूप होगा। इनोवेशन बिज़नेस के सभी पहलुओं को प्रभावित करेगी इसलिए कर्मचारियों का समर्थन उनकी रुचि और प्रेरणा की आवश्यकता है, जिन्हें समय आने पर, अपने खुद के काम का पुनर्गठन करना होगा और फिर से कुछ विशेष स्किल्स सीखनी होंगी। टेक्नोलॉजी कर्मचारियों के लिए नए कार्य निर्धारित करेगी, बातचीत करने की प्रक्रियाओं और कंपनी के बुनियादी ढांचे में बदलाव आएगा। इसलिए कॉर्पोरेट कल्चर को बदलने के साथ-साथ कर्मचारियों को आने वाले बदलावों के लिए तैयार करना भी आवश्यक है। ये अपनायी गयी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को सिखाने वाले मास्टर क्लास, वेबिनार, फ्रेमवर्क और वर्कशॉप हो सकते हैं। इस प्रकार एक प्रेरित टीम और परिणामस्वरूप एक सफलतापूर्ण अनुकूलन डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के लिए सबसे महत्वपूर्ण शर्तें होती हैं।
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को कैसे लागू करें
हालाँकि ज्यादातर कंपनियाँ डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की तत्काल आवश्यकता को पहचानती हैं, लेकिन वे नहीं जानतीं कि शुरुआत कहाँ से करें। निम्नलिखित स्टेप्स आपको परिवर्तन को संभव बनाने में मदद करेंगे:
स्टेप 1. वर्तमान स्थिति का विश्लेषण और लक्ष्य निर्धारण
मार्केट में कंपनी की वर्तमान स्थिति और उसमें होने वाली व्यावसायिक प्रक्रियाओं का आंकलन करना, उसकी ताकत और कमजोरियों, प्रतिस्पर्धियों के फायदे और ग्राहकों की उन सबसे जरूरी आवश्यकताओं को सटीक रूप से निर्धारित करना आवश्यक है, जिनको नयी तकनीकों का उपयोग करके कुशलतापूर्वक और जल्दी से पूरा किया जा सकता है।
प्राप्त जानकारी के आधार पर उन नतीजों को निर्धारित किया जाना चाहिए, जिन्हे कंपनी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन प्रक्रिया से प्राप्त करना चाहती है। उदाहरण के लिए यह उत्पादकता में वृद्धि, ग्राहकों के साथ संपर्क में सुधार और कंपनी की प्रतिस्पर्धी स्थिति को मजबूत करना हो सकता है। याद रखें कि इच्छा अनुसार नतीजों को स्पष्ट रूप से जानना, एक व्यापक और विकास पर केंद्रित दृष्टिकोण किसी भी ट्रांसफॉर्मेशन के सबसे महत्वपुर्ण तत्व हैं।
स्टेप 2. एक "रोड मैप" या डिजिटल स्ट्रेटजी तैयार करना
रोड मैप एक स्पेशल डॉक्यूमेंट है, जिसमें बदलावों को लागू करने के सभी लक्ष्यों और नतीजों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक कदमों का वर्णन किया गया है। अर्थात्, प्रोसेस और टेक्नोलॉजी के विश्लेषण के आधार पर, एक ऐसी स्ट्रेटेजी विकसित करना आवश्यक है जो यह निर्धारित करेगी कि कौनसी प्रक्रियाओं के लिए कौनसी टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाना चाहिए, उन्हें लागू करने के लिए कौन जिम्मेदार होगा और उनसे किस नतीजे की उम्मीद की जानी चाहिए। इस स्तर पर, प्रमुख प्राथमिकताओं की भी पहचान की जाती है, ट्रांसफॉर्मेशन को लागू करने के लिए एक समय योजना तैयार की जाती है, एक बजट और आवश्यक संसाधनों की एक सूची तैयार की जाती है। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि जल्दी या कम समय में पूरी तरह से डिजिटलीकरण करना ज़रूरी नहीं है। इनोवेटिव टेक्नोलॉजी में स्टेप बाय स्टेप डेवलपमेंट, क्रमिक विस्तार और बाद में एकीकरण शामिल है।
स्टेप 3. डिजिटल टेक्नोलॉजी को लागू करने की तैयारी
इस स्टेप पर, संभावित जोखिमों का आंकलन करना और विशेषज्ञों को आकर्षित करना, कर्मचारियों को ट्रेनिंग देना और उपकरण की खरीदारी शुरू करना महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के सफल और पूर्ण कार्यान्वयन के लिए सभी आवश्यक संसाधन तैयार हैं।
स्टेप 4. डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को लागू करना
विश्लेषण, लक्ष्य को तय करने और डिजिटल टेक्नोलॉजी को लागू करने के लिए तैयारी करने के बाद, कंपनी द्वारा केवल रणनीति का पालन करना और शुरुवाती स्टेप्स में पहचाने गए सभी कार्यों को पूरा करना बाकी रह जाता है। इसका तात्पर्य संगठन के सभी स्तरों पर आगे की योजना, तालमेल और संचार से है ताकि टीम सुचारू रूप से काम कर सके और लागू की गयी टेक्नोलॉजी से परिणाम मिल सकें।
स्टेप 5. नतीजों का मूल्यांकन और आगे का विकास
एक बार डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद नतीजों का मूल्यांकन करना और यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि प्रमुख लक्ष्य हासिल कर लिए गए हैं। यह आंकलन करना भी महत्वपूर्ण है, कि कैसे कंपनी के कर्मचारी काम करने की नई परिस्थितियों को अपनाने में सक्षम रहे। इसके आधार पर, आपको सबसे कठिन और मुश्किल चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करते हुए डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर काम करना जारी रखना चाहिए।
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को लागु करने की सलाहें
सलाह 1. सबसे पहले ग्राहकों के बारे में सोचें
किसी भी व्यावसायिक प्रक्रिया में सबदे ज्यादा महत्वपुर्ण ग्राहक होने चाहिए। कंपनी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके उत्पाद ग्राहकों की सभी जरूरतों और मांगों को पूरा करें। यह ग्राहकों की इच्छाओं और रुचियों पर पूरा ध्यान देने से ही संभव है। इस प्रकार, कस्टमर फोकस कंपनी और ग्राहकों के बीच विश्वास स्थापित करने में मदद करता है, जिसके परिणामस्वरूप बिक्री और ग्राहकों की कंपनी के प्रति वफादारी बढ़ सकती है। इसके अलावा, यदि ग्राहक कंपनी द्वारा पेश किए गए उत्पादों या सेवाओं की गुणवत्ता से संतुष्ट हैं, तो वे बार-बार वापस आएंगे।
सलाह 2: डेवलपमेंट और मेनेजमेंट के एजाइल मेथड का उपयोग करें
प्रोजेक्ट मेनेजमेंट में कई तथाकथित लचीले मेथड होते हैं। उनमें से सबसे लोकप्रिय हैं Agile, Lean, Kanban, Scrum इत्यादि। इनका उपयोग IT, फाइनेंस, मार्केटिंग, HR इत्यादि के साथ-साथ लगभग सभी उद्योगों में किया जाता है। ऐसी टेक्नोलॉजी कई बुनियादी सिद्धांतों पर आधारित हैं:
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लोग उपकरणों से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं;
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काम का मुख्य लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण उत्पाद बनाना है;
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योजना के कड़ाई से पालन की तुलना में प्रयोग अधिक नतीजे देते हैं;
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निरंतर सुधार की आवश्यकता है।
इस तरह के दृष्टिकोण व्यवसायों को मार्केट की बदलती स्थितियों के अनुसार ढलने और बाहरी वातावरण में होने वाले परिवर्तनों पर तुरंत प्रतिक्रिया देने में मदद करते हैं। इसके अलावा, यह उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है, कंपनी के भीतर प्रक्रियाओं को बेहतर कर सकता है। परिणामस्वरूप, व्यवसाय में लचीली टेक्नोलॉजी और विधियों के उपयोग से कंपनी को ज्यादा प्रतिस्पर्धी, नवीन और कुशल बनने में मदद मिल सकती है।
सलाह 3. एक साथ कई इनोवेटिव तकनीकों का उपयोग करें
यह महत्वपूर्ण है, कि किसी एक इनोवेटिव मेथड के इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित न किया जाए। AI सिस्टम, मशीन लर्निंग और ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करने के लिए उपलब्ध सभी अवसरों का उपयोग करने का प्रयास करें। लचीली कार्य पद्धतियों का पालन करके ही कंपनी स्थायी गहरे परिवर्तनों को प्रोत्साहित और उन्हें तेजी से लागू कर सकती है। सबसे जरूरी ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रखना है।
सलाह 4: अपने पार्टनर इकोसिस्टम को विकसित करें
कंसल्टेंट कंपनी Accenture ने एक रिसर्च किया जिससे पता चला कि 85% से ज्यादा पार्टनर्स विकास और परिचालन दक्षता के नए स्रोतों की तलाश कर रहे हैं। वास्तव में, पार्टनर्स के साथ सहयोग और बातचीत न केवल अनुभव और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देती है, जोकि डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की प्रक्रिया में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि आपको अपने कस्टमर बेस का विस्तार करने, कारोबार बढ़ाने और नए मार्केट में प्रवेश करने की भी मदद करती है।
स्टेप 5. याद रखें कि डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन एक सफल भविष्य में आपका निवेश है
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को फाइनेंस करना एक जटिल और महंगी प्रक्रिया है, इसलिए इसे स्टेप्स में करना सबसे अच्छा है। हालाँकि, लंबी अवधि में, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन काफ़ी आर्थिक लाभ ला सकता है, व्यावसायिक प्रक्रियाओं की दक्षता बढ़ा सकता है और मार्केट के अंदर कंपनी की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार कर सकता है।
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के कार्यान्वयन के उदाहरण
उदाहरण के लिए मिलान की कंपनी ELSE Corp ने ELSE.shoes प्रोजेक्ट डेवलप किया है। इसकी मदद से कस्टम जूतों के वर्चुअल 3D स्टोर खोलना संभव है। हालाँकि, इस परियोजना की विशिष्टता इस तथ्य में निहित है कि संभावित ग्राहक अपनी सभी इच्छाओं, जैसे रंग, डिज़ाइन और जूतों की अन्य विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए, खुद अपने लिए एकदम सही जूते बनाते हैं।
Heedbook - यह भी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन कर चुकी कंपनी का एक बेहतरीन उदाहरण है। यह एक क्लाउड सर्विस है जिससे आप दुनिया में कहीं से भी जुड़ सकते हैं। प्रोग्राम के साथ काम करने के लिए, आपको केवल एक वेबकैम की आवश्यकता है और सभी वीडियो और ऑडियो जानकारी Microsoft Azure क्लाउड स्टोरेज में आ जाती है। आवाज पहचानने के लिए Google सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया जाता है, और लिंग और आयु निर्धारित करने के लिए - उसी Microsoft का। प्राप्त सभी डेटा का विश्लेषण Heedbook में AI सिस्टम द्वारा किया जाता है।
ग्लोबल लॉजिस्टिक्स कंपनी Deutsche Post DHL Group डाक और अंतर्राष्ट्रीय एक्सप्रेस सेवाएं, माल ढुलाई और सप्लाई चैन मैनेजमेंट सर्विस के साथ-साथ ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशन भी प्रदान करती है। यह अपने गोदामों को मैनेज करने, ऑटोमेटिक तरीके से सामान को छांटने और ऑर्डर वितरित करने के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग करती है।
General Electric कंपनी नए उत्पादों को बनाने और उन्हें डेवलप करने के क्षेत्र में सक्रिय रूप से आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है, जैसे विमानन और ऊर्जा उद्योगों के लिए भागों की 3D प्रिंटिंग।
सबसे बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Amazon ने एक पूरा इकोसिस्टम बनाया है जो एक ऑनलाइन स्टोर, क्लाउड सर्विस, स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म और इसके अलावा बहुत सारी चीजों को अपने अंदर समेटे हुए है।
इस प्रकार डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की मांग बढ़ती जा रही है और सफलता के लिए यह आवश्यक भी है। यह कार्यदक्षता और मार्केट में प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने में योगदान देता है, ग्राहकों के साथ बातचीत में सुधार करता है और कई नियमित प्रक्रियाओं को सरल बनाता है। आखिरकार मार्केट का लीडर बने रहने के लिए लगातार सुधार करना, अपनी स्थिति का मूल्यांकन करना और अपने काम करने के तरीकों को समायोजित करना आवश्यक है, जिससे इनोवेटिव टेक्नोलॉजी सफलतापूर्वक निपटने में मदद करती हैं। परिणामस्वरूप, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन आधुनिक व्यवसाय के विकास और उसके सफल कामकाज में एक जरूरी फैक्टर है।