सात स्पर्शों का सिद्धांत
सात स्पर्शों का सिद्धांत क्या है
सात स्पर्शों का सिद्धांत मार्केटिंग और सेल्स में प्रचलित एक नियम है। इसके अनुसार, ग्राहक किसी उत्पाद को खरीदने से पहले औसतन सात बार उसके संपर्क में आता है। इस सिद्धांत का मूल उद्देश्य यह है कि ग्राहकों को किसी ब्रांड और उसके उत्पादों के साथ लगभग सात बार जुड़ना आवश्यक होता है - ताकि वे वांछित प्रतिक्रिया (जैसे कि खरीदारी) कर सकें।
यह तकनीक पिछली शताब्दी के मध्य में दिखाई दी और मनोवैज्ञानिकों द्वारा मार्केटिंग के निष्कर्ष की पुष्टि के बाद विशेष रूप से लोकप्रिय हो गई। उनके संयुक्त प्रयासों से यह सिद्ध किया जा सका कि ब्रांड के साथ बार-बार संपर्क और इंटरेक्शन न केवल उसकी पहचान बढ़ाते हैं, बल्कि संभावित ग्राहकों की निष्ठा भी मजबूत करते हैं। इस संदर्भ में स्पर्श बिंदु से तात्पर्य उन माध्यमों से है जिनसे उत्पादों और सेवाओं का प्रचार किया जाता है। उदाहरण के लिए, टारगेटेड और कॉन्टेक्स्टुअल एडवर्टिजमेंट, ईमेल मार्केटिंग, कॉल्स, ऑफलाइन इवेंट्स आदि। ये सभी प्रयास उपभोक्ताओं के भरोसे को बढ़ाते हैं और कन्वर्जन रेट में सुधार लाते हैं।
यह कैसे और क्यों काम करता है
सात स्पर्शों के नियम को समझना सबसे आसान है किसी उदाहरण के माध्यम से। मान लीजिए, एक व्यक्ति काम पर जाते समय एक बैनर पर पिज़्ज़ा डिलीवरी का विज्ञापन देखता है, हालांकि वह इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देता। फिर वही ब्रांड उसे सोशल मीडिया की फीड में दिखता है, जिससे उसकी जिज्ञासा बढ़ती है और वह YouTube पर उस पिज़्ज़ा डिलीवरी के रिव्यू देखने चला जाता है। दिन भर की थकान के बाद वह अंततः उसी कंपनी से पिज़्ज़ा ऑर्डर करने का निर्णय लेता है। इस तरह, व्यक्ति कई बार उस ब्रांड के संपर्क में आता है, अवचेतन रूप से उसके बारे में एक सकारात्मक छवि बनाता है और अंत में मुख्य लक्षित क्रिया करता है - खरीदारी।
हालाँकि, यह समझना बहुत ज़रूरी है कि सात स्पर्शों की तकनीक का उद्देश्य किसी भी चीज़ को किसी भी व्यक्ति को बेच देना नहीं है। यह नियम तभी प्रभावी होता है जब संभावित ग्राहक के पास पहले से कोई ऐसी ज़रूरत हो जिसे वह आपके उत्पाद की मदद से पूरा कर सकता है। ब्रांड की बार-बार याद दिलाना और सहज व गैर-आक्रामक विज्ञापन उसे आपके पक्ष में निर्णय लेने में मदद करते हैं। बेशक, ऐसे "स्पर्शों" की संख्या हमेशा सात हो, यह ज़रूरी नहीं है - ये कम से कम चार या पाँच भी हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, YouTube पर कोई वीडियो, Instagram में रील्स, डिस्काउंट या ऑफर की जानकारी वाला SMS, सोशल मीडिया पर कोई उपयोगी पोस्ट या कोई लीड मैग्नेट जैसे कि चेकलिस्ट या कूपन। लेकिन अगर उत्पाद महँगा है और उसके लिए किसी गंभीर निर्णय की आवश्यकता है - जैसे घरेलू उपकरण या गैजेट्स की खरीद - तो ऐसे मामलों में स्पर्शों की संख्या और ज्यादा हो सकती है। इसका कारण यह है कि लोग तभी कोई बड़ा निर्णय लेते हैं जब वे पहले से उस कंपनी को जानते हों (जैसे सोशल मीडिया पोस्ट्स, ईमेल या मैसेजिंग के माध्यम से) और कंपनी के प्रति उनमे एक विश्वास बना हो। किसी भी उत्पाद को खरीदने का निर्णय लेने से पहले ग्राहक कुछ निश्चित चरणों से गुजरता है। आमतौर पर, यह प्रक्रिया CJM (Customer Journey Map क्या है, इसके बारे में यहां देखें) में दर्शाई जाती है। ताकि ग्राहक अपनी आवश्यकता की पहचान से लेकर उस आवश्यकता की पूर्ति तक का सफर तय करे - और वह भी आपके उत्पाद के ज़रिए - इसके लिए ज़रूरी है कि आप नियमित रूप से उत्पाद के फ़ायदों को याद दिलाते रहें, उत्पाद के बारे में और ज्यादा जानकारी दें और ऐसा अलग-अलग चैनलों के माध्यम से करें। इससे ग्राहक को यह यकीन होता है कि वह सही चुनाव कर रहा है।
उन चैनलों की पहचान करना और उनका उपयोग करना भी महत्वपूर्ण है जिनके साथ संभावित ग्राहक प्रतिदिन इंटरैक्ट करते हैं। उदाहरण के लिए, सुबह के समय लोग आमतौर पर मौसम और समाचारों से संबंधित वेबसाइट्स खोलते हैं, मैसेजिंग ऐप्स में एक्टिव रहते हैं और काम पर जाते समय सोशल मीडिया फीड्स स्क्रॉल करते हैं। दोपहर में ज्यादातर लोग सर्च इंजन, मोबाइल एप्लिकेशन, विज्ञापन वेबसाइट्स और अपने पर्सनल या ऑफिस ईमेल का उपयोग करते हैं। शाम के समय यूज़र्स फिर से सोशल मीडिया पर लौटते हैं, अपनी रुचियों से संबंधित वेबसाइट्स ब्राउज़ करते हैं, ऑनलाइन सिनेमा प्लेटफॉर्म्स (जैसे OTT) पर जाते हैं आदि।
मार्केटिंग में सात स्पर्श
मार्केटिंग में स्पर्श बिंदु संभावित ग्राहकों के साथ संपर्क बनाए रखने में मदद करते हैं, इसलिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि आप अपने टारगेट ऑडियंस, अपने उत्पाद की प्रकृति और जिन समस्याओं को आप हल करना चाहते हैं, उनके आधार पर सही कम्युनिकेशन चैनल चुनें। उदाहरण के लिए, मार्केटिंग में ग्राहक के निम्नलिखित स्पर्श बिंदुओं की पहचान की जाती है:
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ट्रेडिशनल एडवर्टिजमेंट चैनल
ये स्पर्श बिंदु आगे चलकर दो श्रेणियों में बाँटे जाते हैं - ऑनलाइन और ऑफलाइन चैनल। ऑनलाइन चैनलों में सोशल मीडिया पर वीडियो, रील्स और पोस्ट शामिल होते हैं। वहीं, ऑफलाइन चैनलों में टीवी या रेडियो पर विज्ञापन, प्रिंट मीडिया (जैसे अख़बार और मैगज़ीन), साथ ही अलग-अलग प्रकार की बाहरी विज्ञापन सामग्री जैसे साइनबोर्ड, बैनर, फ्लायर्स और बुकलेट्स आते हैं। यहाँ तक कि अगर कोई संभावित ग्राहक अभी आपके स्टोर के साइन को देखकर आपकी पेशकश में दिलचस्पी न भी दिखाए, तो भी भविष्य में जब उसे ज़रूरत महसूस होगी, तो उसे सबसे पहले आपका ब्रांड याद आएगा। इसके अलावा, ब्रांड द्वारा आयोजित की जाने वाली कॉन्फ्रेंस, वेबिनार्स, प्रदर्शनियाँ, मास्टर-क्लासेज़, वर्कशॉप्स और टेस्टिंग जैसे इवेंट्स भी ऑफलाइन मार्केटिंग चैनलों में आते हैं, जहाँ ग्राहकों से व्यक्तिगत रूप से जुड़ने का मौका मिलता है।
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कंटेंट चैनल्स
याद दिला दें कि कंटेंट मार्केटिंग उन सभी मार्केटिंग तरीकों का सम्मिलित रूप है, जिनका उद्देश्य संभावित ग्राहकों के लिए उपयोगी जानकारी तैयार करना और उसे अलग-अलग फॉर्मेट्स में वितरित करना होता है। कंटेंट मार्केटिंग का मुख्य उद्देश्य ऑडियंस को आकर्षित करना, उनका ध्यान खींचना और ब्रांड के प्रति विश्वास बढ़ाना होता है। सात स्पर्शों के सिद्धांत में कंटेंट मार्केटिंग को सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक माना जाता है। इसमें शामिल होते हैं, उदाहरण के लिए: कंपनी की वेबसाइट पर ब्लॉग्स, मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ब्रांड का उल्लेख करने वाले आर्टिकल, YouTube और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर वीडियो रिव्यू और ओवरव्यूज़।
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SMM चैनल्स
यह सोशल मीडिया पर पोस्ट्स और छोटे, मज़ेदार वीडियो होते हैं, साथ ही ब्लॉगर्स - यानी राय बनाने वाले लोगों (इन्फ्लुएंसर्स) - के साथ पार्टनरशिप, जिसे इंफ्लुएंसर मार्केटिंग कहा जाता है, और टारगेटेड विज्ञापन भी इसमें शामिल हैं।
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Email और SMS मैसेजिंग
इन मैसेज में आगामी ऑफ़र्स, सेल्स और नए उत्पादों की जानकारी, प्रोमो कोड्स, विभिन्न विशेष प्रस्तावों और अन्य आने वाले आयोजनों से जुड़ी जानकारी हो सकती है।
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सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन
बेशक, सबसे समझदारी की बात यह होगी कि "white SEO" का इस्तेमाल किया जाए। इसका मतलब है कि प्रचार के लिए एक व्यापक और बहुपरक दृष्टिकोण अपनाना, जो सर्च इंजन के नियमों का उल्लंघन न करता हो। सच में, इस प्रकार का प्रमोशन महंगा होता है और इसके परिणाम देर से मिलते हैं, लेकिन यह आपको अवैध प्रमोशन तकनीकों (जैसे ब्लैक SEO के लिए डोरवे पेज का उपयोग करना) के कारण दंड का सामना करने का जोखिम नहीं उठाने देता। इस प्रकार के स्पर्श को प्रभावी बनाने के लिए, आपको ऑर्गेनिक सर्च को सेटअप करना चाहिए, यानी उन वेबसाइट्स और विशिष्ट लेखों को, जो उपयोगकर्ताओं के द्वारा किए गए सर्च क्वेरीज़ पर दिखाई देते हैं, और इस प्रक्रिया में पेड एडवरटाइजिंग सर्विसेज का उपयोग न करें। इस मामले में उद्देश्य प्राकृतिक ट्रैफ़िक आकर्षित करना होता है, ताकि कन्वर्जन रेट बढ़ सके। साथ ही, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) की सबसे प्रभावी शैलियों में से एक है लोकल SEO ऑप्टिमाइजेशन - जो साइट को क्षेत्रीय संदर्भ के साथ सर्च रिजल्ट्स में प्रमोट करना है।
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मोबाइल एप्लिकेशन्स में स्पर्श बिंदु
यह उपभोक्ताओं के साथ ब्रांड द्वारा ऐप्स के माध्यम से संपर्क बनाने को संदर्भित करता है, जैसे कि मैसेजिंग ऐप्स, विज्ञापन मैसेज, ईमेल/मैसेजिंग सर्विस और ऐप्स में नोटिफिकेशन्स के जरिए।
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सामाजिक प्रमाण या सिफारिशें
यह विशेष वेबसाइट्स और सोशल मीडिया पर दिए गए रिव्यू , उन ग्राहकों की सिफारिशें जो संतुष्ट हैं और अपनी प्रतिक्रिया साझा करना चाहते हैं, दोस्तों और जानकारों की सिफारिशें, कंपनी द्वारा प्रकाशित किए गए सफल केस स्टडीज़, आदि को संदर्भित करता है।
इस प्रकार, सात स्पर्शों के सिद्धांत का मुख्य उद्देश्य मार्केटिंग में सबसे पहले ऑडियंस का ध्यान आकर्षित करना, उसे संलग्न करना और विभिन्न संचार चैनलों के माध्यम से उसकी रुचि को उत्तेजित करना है, यानी उत्पाद के लिए मांग उत्पन्न करना।
सेल्स में सात स्पर्श बिंदु
सेल्स में स्पर्श बिंदु मार्केटिंग में इंटरेक्शन चैनलों से बहुत मिलते-जुलते होते हैं। हालांकि, इनमें कुछ अंतर भी होते हैं। सेल्स में स्पर्श बिंदु निम्नलिखित होते हैं:
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कोल्ड कॉल्स - जब कंपनी का प्रतिनिधि संभावित ग्राहकों को फोन करता है ताकि उनकी ज़रूरतों का पता चल सके, उन्हें अपने उत्पाद में रुचि दिलाई जा सके या सेवाएं पेश की जा सकें।
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मेलिंग्स - यानी ईमेल या SMS के माध्यम से विशेष प्रस्तावों और ऑफ़र्स के साथ मैसेज भेजना।
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पर्सनल प्रोडक्ट प्रेजेंटेशन - इसका मतलब है किसी उत्पाद के फायदे पर चर्चा करना, उसे काम में दिखाना, और ग्राहकों की आपत्तियों का समाधान करना।
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सोशल मीडिया - इसका अर्थ है ब्रांड के ऑफिशियल अकाउंट्स पर पोस्ट्स के कमेंट्स में ग्राहकों के साथ संपर्क बनाए रखना।
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उत्पाद के टेस्ट वर्जन या मुफ्त ट्रायल पीरियड - संभावित ग्राहकों को एक निश्चित समय तक (जैसे एक महीना) मुफ्त में उत्पाद का उपयोग करने का प्रस्ताव देना, ताकि वे उसकी गुणवत्ता का मूल्यांकन कर सकें (जैसे ऑनलाइन सिनेमा, विदेशी भाषाएँ सीखने वाले ऐप्स और दूसरी सेवाओं में होता है)।
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उपयोगी सामग्री - जैसे कि पेश किए गए उत्पाद के उपयोग के लिए गाइड, प्रिंट या वर्चुअल कैटलॉग्स, ब्रोशर्स और इसी तरह की दूसरी चीजें।
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साझेदारी और रेफरल प्रोग्राम्स - जब ब्रांड सिफारिशों के लिए इनाम देता है। क्रॉस-सेल्स भी अतिरिक्त स्पर्श बिंदु हो सकती हैं।
सेल्स में, मार्केटिंग से अलग, स्पर्श बिंदु सीधे विशिष्ट ग्राहकों के साथ संपर्क होते हैं, जैसे कॉल्स, मीटिंग्स, और बातचीत, जो मुख्य रूप से डील पूरा करने पर केंद्रित होते हैं। इसके अलावा, सेल्स में स्पर्श बिंदु अक्सर ज्यादा व्यक्तिगत और मार्केटिंग के मुकाबले ज्यादा आक्रामक होते हैं। इन स्पर्श बिंदुओं का अक्सर अन्य स्पर्श बिंदुओं के साथ संयोजन किया जाता है, जैसे तीन कोल्ड कॉल्स, तीन ईमेल्स और एक पर्सनल मीटिंग।
स्पर्श बिंदुओं की विविधताएँ
मार्केटिंग और सेल्स में स्पर्श बिंदुओं के अलग-अलग प्रकार होने के अलावा, इन्हें अन्य तरीकों से भी वर्गीकृत किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, स्पर्श बिंदुओं को इस आधार पर विभाजित किया जाता है कि वे ग्राहकों के किस अंग (इंद्री) पर प्रभाव डालते हैं:
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दृश्यात्मक (विज़ुअल)
इस मामले में, दुकान का इंटीरियर्स और रोशनी, विभागों का स्थान, विक्रेताओं का व्यवहार और उनकी उपस्थिति, साथ ही ऑनलाइन वर्शन में वेबसाइट का डिज़ाइन और उसकी गति, इंटरफ़ेस की सुविधा, ब्रांड के रंगों और लोगो का मेल, और ऑर्डर फॉर्म और कार्ट का स्वरूप महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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श्रवणात्मक (ऑडिटरी)
यह विशेष रूप से कोल्ड कॉल्स में महत्वपूर्ण होता है, जब आवाज़, बोलने का तरीका और बातचीत में सीमाओं का पालन करना, साथ ही ग्राहक को आकर्षित करने की क्षमता अहम होती है। यदि बात ऑफलाइन स्टोर की हो, तो सिर्फ विक्रेताओं की शिष्टता और ज्ञान ही नहीं, बल्कि यह भी महत्वपूर्ण है कि स्टोर में कौन सा संगीत बज रहा है, उदाहरण के लिए, यह सुनिश्चित करना कि संगीत बहुत ज़्यादा जोर से और दबाव डालने वाला न हो।
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गंधात्मक (ओल्फैक्टरी)
यह महत्वपूर्ण है कि दुकान में एक सुखद, ज्यादा तीव्र न होने वाली खुशबू हो, और कंसल्टेंट्स को भी तेज़ परफ्यूम का उपयोग नहीं करना चाहिए, ताकि यह संभावित ग्राहकों को हतोत्साहित न करे।
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सूचना संबंधी
ब्रांड के बारे में सारी जानकारी, जैसे कि उसकी कहानी, मिशन, लक्ष्य, निर्माता, केंद्रीय व्यक्ति आदि, को खुले रूप से उपलब्ध होना चाहिए, ताकि यह संभावित ग्राहकों के सामने हो।
अर्थात, यह महत्वपूर्ण है कि सभी आवश्यक परिस्थितियाँ बनाई जाएं ताकि ग्राहक बिना कुछ लिए न जाए और अंततः टारगेट एक्शन (खरीदारी) को पूरा करे। इसलिए, यह जरूरी है कि छोटी-छोटी बातों पर भी ध्यान दिया जाए, जैसे कि दुकान में बजने वाला संगीत, कंपनी की जानकारी से संबंधित सेगमेंट की सुगमता, और ऑर्डर करने और भुगतान करने की प्रक्रिया की आसानी।
सात स्पर्शों की तकनीक के मुख्य नियम
ग्राहकों को "वार्म अप" करने के लिए सात-स्पर्श तकनीक एक प्रभावी दृष्टिकोण है, लेकिन केवल तभी जब इसे सही तरीके से लागू की जाए, ताकि संभावित ग्राहकों को परेशान न किया जाए। यहां कुछ आसान नियम दिए गए हैं:
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मल्टीचैनल अप्रोच
ग्राहकों को परेशान किए बिना उनके ध्यान में बने रहने के लिए, संभावित ग्राहकों पर विभिन्न चैनलों के माध्यम से प्रभाव डालना चाहिए - जैसे कि ईमेल-मैसेजिंग, सोशल मीडिया पोस्ट्स, और कंटेक्स्टुअल एडवर्टाइजमेंट। जितनी बार ग्राहक विभिन्न परिस्थितियों में और विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर आपका उत्पाद देखेंगे, उनका विश्वास उतना ही ज़्यादा बढ़ेगा।
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प्रणालीबद्धता
ग्राहकों के साथ स्पर्श नियमित और निरंतर होने चाहिए। हालांकि, इसे ज़्यादा नहीं करना भी महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, पहले स्पर्श लगभग अदृश्य हो सकते हैं, जैसे कि सोशल मीडिया पर संभावित दर्शकों के लिए एक उपयोगी पोस्ट या एक छोटा मजेदार वीडियो। और जैसे-जैसे 5-7 स्पर्शों की संख्या बढ़ेगी, वे ज्यादा सेल्स उन्मुख होने चाहिए (विशेष प्रस्ताव, रिव्यू, लाभों का प्रदर्शन)। इस प्रक्रिया की प्रणालीबद्धता सुनिश्चित करने के लिए, इन स्पर्शों को अलग-अलग कार्यों में विभाजित करना चाहिए, जैसे कि उन्हें CRM सिस्टम में नोट करना, प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों से जोड़ना, डेडलाइन तय करना और इस कार्य के लिए जिम्मेदार कर्मचारी को नामित करना।
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व्यक्तिगतकरण
सबसे अच्छा तरीका है विज्ञापन संदेशों को विशिष्ट दर्शकों के अनुसार अनुकूलित करना। जितना ज्यादा प्रासंगिक होगा प्रत्येक स्पर्श (जैसे, छोड़ी गई कार्ट का रिमाइंडर या पीछे देखे गए सामान के आधार पर ऑफर), उतनी जल्दी यह तकनीक काम करेगी। यानी, मार्केटर को सात स्पर्शों के नियम को लागू करने से पहले यह अध्ययन करना चाहिए कि कौन से स्पर्श बिंदु किसी विशेष ऑडियंस सेगमेंट के लिए सबसे सही और प्रभावी होंगे।
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समय की पाबंदी
ग्राहक को एक या दो दिनों में सात या उससे भी ज्यादा स्पर्शों से भर देना सही नहीं है। स्पर्शों को कुछ हफ्तों तक फैलाना चाहिए। इस मामले में, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप ग्राहक को कितनी गंभीर खरीदारी की पेशकश कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, सस्ते उत्पादों के लिए, जिन्हें लोग इम्पल्सिव तरीके से खरीदते हैं, स्पर्श 5-6 दिनों में किए जा सकते हैं, जबकि महंगे उत्पादों के लिए महीनों की आवश्यकता हो सकती है।
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एक्शन का ऑफर
हर स्पर्श को ग्राहक के लिए आगे के एक्शन के ऑफर के साथ समाप्त होना चाहिए। उदाहरण के लिए, सोशल मीडिया पोस्ट में आप मैनेजर से चैट करने का लिंक दे सकते हैं, ईमेल-मैसेजिंग में एक गाइड और उसे डाउनलोड करने के लिए एक विशेष बटन जोड़ सकते हैं, या YouTube वीडियो के बाद ग्राहक को चेकलिस्ट पूरा करने और परिणामों को कॉमेंट्स में शेयर करने का ऑफर दे सकते हैं।
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परिणामों की निगरानी और समायोजन
यह महत्वपूर्ण है कि आप यह देखें कि कौन से स्पर्श ग्राहक पर सबसे अच्छा प्रभाव डालते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ मामलों में ईमेल-मैसेजिंग सबसे प्रभावी हो सकती है, जबकि कभी-कभी कंटेक्स्टुअल एडवरटाइजिंग ज्यादा कन्वर्जन ला सकती है। एक बार जब आप यह पता लगा लें कि कौन सा संचार चैनल आपके संभावित ग्राहकों में ज्यादा लोकप्रिय और प्रभावी है, तो उसकी प्रभावशीलता को बढ़ाने की आवश्यकता होती है।
निष्कर्ष
सात स्पर्शों का नियम - यह एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है जो प्रभावी विज्ञापन अभियान सुनिश्चित करेगा, ब्रांड की सकारात्मक छवि को आम दर्शकों की नजरों में स्थापित करेगा और उसकी पहचान को बढ़ाएगा। जितने ज्यादा उपभोक्ताओं के लिए प्रासंगिक स्पर्श बिंदुओं का आप उपयोग करेंगे, उतने ही बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे।
लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि आप संचार चैनलों का सही तरीके से उपयोग करें, ताकि पहला स्पर्श आखिरी न बन जाए। ग्राहकों के साथ इंटरेक्शन को एक क्रमबद्ध और बहुस्तरीय तरीके से करना चाहिए। प्रत्येक स्पर्श न केवल आपके बारे में एक याद दिलाने वाला होता है, बल्कि यह आपकी प्रतिष्ठा का प्रमाण, ग्राहक की आवश्यकता को पूरा करने की इच्छा और उसके साथ विश्वासपूर्ण संबंध बनाने का संकेत होता है। यह याद रखें कि विश्वास एक दिन में नहीं बनता, इसलिए ग्राहकों को नियमित रूप से छूट या विशेष ऑफर देने का प्रस्ताव रखें, उनके कमेंट्स का जवाब दें और बातचीत बनाए रखें, और नई उपयोगी सामग्री को नियमित रूप से पोस्ट करें। तब संभावित ग्राहक वास्तविक ग्राहक बनेंगे, और फिर ब्रांड का स्थायी समर्थक बनेगा।